TARANGEIN

मूलरूप से दिल्ली के निवासी एवं वर्तमान में अहमदाबाद, गुजरात में रह रहे श्री सुरेन्द्र शर्मा जी एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं और वर्तमान में कॉर्पोरेट प्रशिक्षक एवं अतिथि प्राध्यापक के तौर पर कई संस्थाओं से जुड़कर बैंकिंग सेक्टर में लगभग चार दशकों तक काम करने के उपरान्त प्राप्त अपने ज्ञान, कौशल एवं अनुभवों से युवा बैंक प्रशिक्षुओं को लाभान्वित करा रहे हैं। श्री सुरेन्द्र शर्मा जी बैंकिंग सेक्टर की तमाम गूढ़ नीतियों, सिद्धांतों, जटिलताओं एवं अर्थपरक कार्यप्रणालियों के बीच ‘बशर’ उपनाम से कविताएँ भी लिखते हैं। उनका कविमन अपनी व्यस्त जीवनचर्या में भी कविता के लिए समय निकाल ही लेता है। “तरंगें” श्री सुरेन्द्र शर्मा ‘बशर’ जी का पहला काव्य संग्रह है किन्तु इनके लेखन की गहनता और व्यापकता हर दृष्टिकोण से अनुभवसिद्ध प्रतीत होती है। काव्य संग्रह में संकलित कविताओं में कवि ने अपने अंतर्मन के भावों को शब्द-चित्रों के माध्यम से बहुत ही सुन्दर ढंग से उकेरा है। आशा है, आप सुधी पाठकगण इस काव्य संग्रह को अपना स्नेह अवश्य प्रदान करेंगे।