“धूप का बोझ” और “दो शब्दों के बीच” इन दो पुस्तकों के प्रकाशन के उपरान्त “सत्य की दस्तक” समवेत प्रकाशन से प्रकाशित होने वाली श्री कृष्ण सिंह हाडा जी की तीसरी पुस्तक है। पिछली दो पुस्तकों से इतर इस पुस्तक “सत्य की दस्तक” में श्री हाडा जी ने शब्द-विन्यास और लेखन का मूल ताना-बाना हमारे समाज में बाहरी आडम्बरों, अंध-विश्वासों और समाज में बड़ी गहराई तक व्याप्त निर्मूल-निराधार परम्पराओं-मान्यताओं के इर्द-गिर्द बुनकर अपनी रचनाओं के माध्यम से सार्वभौमिक और सर्वमान्य सनातन सत्य को उजागर करने का अनुपम प्रयास किया है।