यह पुस्तक "ख़ुशबुओं की उम्र" एक अनुपम कविता संग्रह है जो जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ सहजता से जुड़ता है। इसमें संग्रहित कविताएँ समाज और इसके लोकाचार और परिवेश में झाँकती हैं; मानवीय संबंधों और संवेदनाओं को चित्रित करती हैं; जीवन, प्रकृति और समय के विषय में सोचने को बाध्य करती हैं और आध्यात्मिकता और दर्शन के बारे में नई परिभाषाएँ गढ़ती हैं। भाषा की सरलता और विषय की गहराई मंत्रमुग्ध कर देती है। आशा है, यह किताब पाठकों को पसन्द आएगी।